A. क्या कहेंगे लोग
B. ये मुझसे नहीं होगा
C. मेरा मूड नहीं है
D. मेरी किस्मत ख़राब है
E. मेरे पास टाइम नहीं है
- कोई काम शुरू करने से पहले , स्वयं से तीन प्रश्न कीजिए - में ये क्यों कर रहा हूँ , इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या में सफल हो जाऊंगा , और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नो के उत्तर संतोषजनक मिल जाये तभी आगे बढे |
- व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मो का फल खुद ही भुगतता है और वह अकेले ही स्वर्ग या नर्क जाता है इसलिए कर्म अच्छे होने चाहिए |
- इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए द्रढ़ रहिये |
- हम जो कुछ भी है वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता है या काम करता है तो उसे कष्ट ही मिलता है , यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारो के साथ बोलता है या काम करता है तो उसकी परछाई तरह खुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती
- आपकी मान्यताये आपके आपके विचार बन जाते है आपके विचार आपके शव्द बन जाते है आपके शब्द आपके कार्य बन जाते है आपके कार्य आपकी आदत बन जाती है आपकी आदते आपकी मूल्य बन जाते है आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाते है
- हमेशा आराम की चाहत में , तुम आलसी हो जाते हो , हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित जाते हो , हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो |
सोचने का फर्क
एक शहर में एक धनी व्यक्ति रहता था | उसके पास बहुत सारा पैसा था और उसे उस बात पर घमण्ड भी था कि में बहुत पैसे वाला हूँ | एक बार किसी कारण से उसकी आँख में इंफेकशन हो गया |
उसकी आँख में बुरी तरह जलन होती थी वह डाक्टरों के पास गया लेकिन कोई भी डाक्टर उसकी आँख का इलाज ना कर पाया | सेठ के पास बहुत पैसा था उसने देश - विदेश से बहुत सारे नीम-हकीम और डॉक्टर बुलाये |
विडिओ देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे |
https://youtu.be/SD37sLK02ao
एक बड़े डॉक्टर ने बताया कि आपकी आँख में एलर्जी है | आपको कुछ दिन तक सिर्फ हरा रंग ही देखना होगा और कोई रंग देखोगे तो आपकी आँख में एलर्जी बनी रहेगी और आपकी आँखों में परेशानी रहेगी | अब क्या था सेठ ने बड़े -बड़े पेंटरो को बुलाया और पुरे महल को हरे रंग से रंगने के लिए कहा | वह वोला मुझे हरे रंग के आलावा और कोई रंग नहीं दिखना चाहिए , में जहा से भी गुजरू हर जगह हरा रंग कर दो | इस काम में बहुत पैसा भी खर्च हो रहा था | लेकिन फिर भी सेठ की नज़र किसी अलग रंग पर पड़ ही जाती थी क्योकि पुरे शहर को हरे रंग से रंगना तो सम्भब नहीं था सेठ प्रित दिन पैसा खर्च करता जा रहा था |
वही से एक दिन सज्जन गुजर रहा था उसने चारो तरफ हरा रंग देखकर लोगो कारण पूछा सारी बात सुनकर वह सेठ के पास गया और बोला सेठ जी आपको इतना पैसा खर्च जरुरत नहीं है मेरे पास आपकी परेशानी का एक छोटा सा हल है , आप हरा चश्मा क्यों नहीं खरीद लेते फिर सब कुछ हरा हो जायेगा |
सेठ की आँख खुली की खुली रह गई | उसके दिमाग में यह शानदार विचार आया ही नहीं था वह बेकार में इतना पैसा खर्च किये जा रहा था |
तो मित्रो , जीवन में हमारी सोच और देखने के नजरिये पर भी बहुत सारी चीजे निर्भर करती है | कई बार ऐसा होता है परेशानी का हल बहुत आसान होता है लेकिन हम परेशानी में फसे रहते है | तो दोस्तों इसे कहते है ( सोच का फर्क )
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