सफलता के 21 मंत्र "
👏1.खुद की कमाई से कम
खर्च हो ऐसी जिन्दगी
बनाओ..!
👏2. दिन में कम से कम
3 लोगो की प्रशंसा करो..!
👏3. खुद की भूल स्वीकारने
में कभी भी संकोच मत
करो..!
👏4. किसी के सपनों पर हँसो
मत..!
👏5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
को भी कभी कभी आगे
जाने का मौका दो..!
👏6. रोज हो सके तो सूरज को
उगता हुए देखें..!
👏7. खूब जरुरी हो तभी कोई
चीज उधार लो..!
👏8. किसी के पास से कुछ
जानना हो तो विवेक से
दो बार...पूछो..!
👏9. कर्ज और शत्रु को कभी
बडा मत होने दो..!
👏10. ईश्वर पर पूरा भरोसा
रखो..!
👏11. प्रार्थना करना कभी
मत भूलो,प्रार्थना में
अपार शक्ति होती है..!
👏12. अपने काम से मतलब
रखो..!
👏13. समय सबसे ज्यादा
कीमती है, इसको फालतू
कामो में खर्च मत करो..
👏14. जो आपके पास है, उसी
में खुश रहना सीखो..!
👏15. बुराई कभी भी किसी की
भी मत करो,
क्योंकि बुराई नाव में
छेद के समान है, बुराई
छोटी हो या बङी नाव को
डुबो ही देती है..!
👏16. हमेशा सकारात्मक सोच
रखो..!
👏17. हर व्यक्ति एक हुनर
लेकर पैदा होता है बस
उस हुनर को दुनिया के
सामने लाओ..!
👏18. कोई काम छोटा नहीं
होता हर काम बडा होता
है जैसे कि सोचो जो
काम आप कर रहे हो
अगर वह काम
आप नहीं करते हो तो
दुनिया पर क्या असर
होता..?
👏19. सफलता उनको ही
मिलती है जो कुछ
करते है
👏20. कुछ पाने के लिए कुछ
खोना नहीं बल्कि कुछ
करना पड़ता है
👏21. और एक आखिरी बात
जीवन में " गुरु " न होतो
जीवन बेकार है
इसलिए जीवन में
" गुरू " जरूरी हैं
"गुरुर" नहीं
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहने दो,
फल न सही, छाॅंव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दौलत तो नहीं कमा सकते,
लेकिन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देंगे ।।
👏 👏
☝एक बार इस कविता को
💘दिल से पढ़िये
😋शब्द शब्द में गहराई है...
⛺जब आंख खुली तो अम्मा की
⛺गोदी का एक सहारा था
⛺उसका नन्हा सा आंचल मुझको
⛺भूमण्डल से प्यारा था
🌹उसके चेहरे की झलक देख
🌹चेहरा फूलों सा खिलता था
🌹उसके स्तन की एक बूंद से
🌹मुझको जीवन मिलता था
👄हाथों से बालों को नोंचा
👄पैरों से खूब प्रहार किया
👄फिर भी उस मां ने पुचकारा
👄हमको जी भर के प्यार किया
🌹मैं उसका राजा बेटा था
🌹वो आंख का तारा कहती थी
🌹मैं बनूं बुढापे में उसका
🌹बस एक सहारा कहती थी
🌂उंगली को पकड. चलाया था
🌂पढने विद्यालय भेजा था
🌂मेरी नादानी को भी निज
🌂अन्तर में सदा सहेजा था
🌹मेरे सारे प्रश्नों का वो
🌹फौरन जवाब बन जाती थी
🌹मेरी राहों के कांटे चुन
🌹वो खुद गुलाब बन जाती थी
👓मैं बडा हुआ तो कॉलेज से
👓इक रोग प्यार का ले आया
👓जिस दिल में मां की मूरत थी
👓वो रामकली को दे आया
🌹शादी की पति से बाप बना
🌹अपने रिश्तों में झूल गया
🌹अब करवाचौथ मनाता हूं
🌹मां की ममता को भूल गया
☝हम भूल गये उसकी ममता
☝मेरे जीवन की थाती थी
☝हम भूल गये अपना जीवन
☝वो अमृत वाली छाती थी
🌹हम भूल गये वो खुद भूखी
🌹रह करके हमें खिलाती थी
🌹हमको सूखा बिस्तर देकर
🌹खुद गीले में सो जाती थी
💻हम भूल गये उसने ही
💻होठों को भाषा सिखलायी थी
💻मेरी नीदों के लिए रात भर
💻उसने लोरी गायी थी
🌹हम भूल गये हर गलती पर
🌹उसने डांटा समझाया था
🌹बच जाउं बुरी नजर से
🌹काला टीका सदा लगाया था
🏯हम बडे हुए तो ममता वाले
🏯सारे बन्धन तोड. आए
🏯बंगले में कुत्ते पाल लिए
🏯मां को वृद्धाश्रम छोड आए
🌹उसके सपनों का महल गिरा कर
🌹कंकर-कंकर बीन लिए
🌹खुदग़र्जी में उसके सुहाग के
🌹आभूषण तक छीन लिए
👑हम मां को घर के बंटवारे की
👑अभिलाषा तक ले आए
👑उसको पावन मंदिर से
👑गाली की भाषा तक ले आए
🌹मां की ममता को देख मौत भी
🌹आगे से हट जाती है
🌹गर मां अपमानित होती
🌹धरती की छाती फट जाती है
💧घर को पूरा जीवन देकर
💧बेचारी मां क्या पाती है
💧रूखा सूखा खा लेती है
💧पानी पीकर सो जाती है
🌹जो मां जैसी देवी घर के
🌹मंदिर में नहीं रख सकते हैं
🌹वो लाखों पुण्य भले कर लें
🌹इंसान नहीं बन सकते हैं
✋मां जिसको भी जल दे दे
✋वो पौधा संदल बन जाता है
✋मां के चरणों को छूकर पानी
✋गंगाजल बन जाता है
🌹मां के आंचल ने युगों-युगों से
🌹भगवानों को पाला है
🌹मां के चरणों में जन्नत है
🌹गिरिजाघर और शिवाला है
🌹हर घर में मां की पूजा हो
🌹ऐसा संकल्प उठाता हूं
🌹मैं दुनियां की हर मां के
🌹चरणों में ये शीश झुकाता हूं...
👏1.खुद की कमाई से कम
खर्च हो ऐसी जिन्दगी
बनाओ..!
👏2. दिन में कम से कम
3 लोगो की प्रशंसा करो..!
👏3. खुद की भूल स्वीकारने
में कभी भी संकोच मत
करो..!
👏4. किसी के सपनों पर हँसो
मत..!
👏5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
को भी कभी कभी आगे
जाने का मौका दो..!
👏6. रोज हो सके तो सूरज को
उगता हुए देखें..!
👏7. खूब जरुरी हो तभी कोई
चीज उधार लो..!
👏8. किसी के पास से कुछ
जानना हो तो विवेक से
दो बार...पूछो..!
👏9. कर्ज और शत्रु को कभी
बडा मत होने दो..!
👏10. ईश्वर पर पूरा भरोसा
रखो..!
👏11. प्रार्थना करना कभी
मत भूलो,प्रार्थना में
अपार शक्ति होती है..!
👏12. अपने काम से मतलब
रखो..!
👏13. समय सबसे ज्यादा
कीमती है, इसको फालतू
कामो में खर्च मत करो..
👏14. जो आपके पास है, उसी
में खुश रहना सीखो..!
👏15. बुराई कभी भी किसी की
भी मत करो,
क्योंकि बुराई नाव में
छेद के समान है, बुराई
छोटी हो या बङी नाव को
डुबो ही देती है..!
👏16. हमेशा सकारात्मक सोच
रखो..!
👏17. हर व्यक्ति एक हुनर
लेकर पैदा होता है बस
उस हुनर को दुनिया के
सामने लाओ..!
👏18. कोई काम छोटा नहीं
होता हर काम बडा होता
है जैसे कि सोचो जो
काम आप कर रहे हो
अगर वह काम
आप नहीं करते हो तो
दुनिया पर क्या असर
होता..?
👏19. सफलता उनको ही
मिलती है जो कुछ
करते है
👏20. कुछ पाने के लिए कुछ
खोना नहीं बल्कि कुछ
करना पड़ता है
👏21. और एक आखिरी बात
जीवन में " गुरु " न होतो
जीवन बेकार है
इसलिए जीवन में
" गुरू " जरूरी हैं
"गुरुर" नहीं
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहने दो,
फल न सही, छाॅंव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दौलत तो नहीं कमा सकते,
लेकिन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देंगे ।।
👏 👏
☝एक बार इस कविता को
💘दिल से पढ़िये
😋शब्द शब्द में गहराई है...
⛺जब आंख खुली तो अम्मा की
⛺गोदी का एक सहारा था
⛺उसका नन्हा सा आंचल मुझको
⛺भूमण्डल से प्यारा था
🌹उसके चेहरे की झलक देख
🌹चेहरा फूलों सा खिलता था
🌹उसके स्तन की एक बूंद से
🌹मुझको जीवन मिलता था
👄हाथों से बालों को नोंचा
👄पैरों से खूब प्रहार किया
👄फिर भी उस मां ने पुचकारा
👄हमको जी भर के प्यार किया
🌹मैं उसका राजा बेटा था
🌹वो आंख का तारा कहती थी
🌹मैं बनूं बुढापे में उसका
🌹बस एक सहारा कहती थी
🌂उंगली को पकड. चलाया था
🌂पढने विद्यालय भेजा था
🌂मेरी नादानी को भी निज
🌂अन्तर में सदा सहेजा था
🌹मेरे सारे प्रश्नों का वो
🌹फौरन जवाब बन जाती थी
🌹मेरी राहों के कांटे चुन
🌹वो खुद गुलाब बन जाती थी
👓मैं बडा हुआ तो कॉलेज से
👓इक रोग प्यार का ले आया
👓जिस दिल में मां की मूरत थी
👓वो रामकली को दे आया
🌹शादी की पति से बाप बना
🌹अपने रिश्तों में झूल गया
🌹अब करवाचौथ मनाता हूं
🌹मां की ममता को भूल गया
☝हम भूल गये उसकी ममता
☝मेरे जीवन की थाती थी
☝हम भूल गये अपना जीवन
☝वो अमृत वाली छाती थी
🌹हम भूल गये वो खुद भूखी
🌹रह करके हमें खिलाती थी
🌹हमको सूखा बिस्तर देकर
🌹खुद गीले में सो जाती थी
💻हम भूल गये उसने ही
💻होठों को भाषा सिखलायी थी
💻मेरी नीदों के लिए रात भर
💻उसने लोरी गायी थी
🌹हम भूल गये हर गलती पर
🌹उसने डांटा समझाया था
🌹बच जाउं बुरी नजर से
🌹काला टीका सदा लगाया था
🏯हम बडे हुए तो ममता वाले
🏯सारे बन्धन तोड. आए
🏯बंगले में कुत्ते पाल लिए
🏯मां को वृद्धाश्रम छोड आए
🌹उसके सपनों का महल गिरा कर
🌹कंकर-कंकर बीन लिए
🌹खुदग़र्जी में उसके सुहाग के
🌹आभूषण तक छीन लिए
👑हम मां को घर के बंटवारे की
👑अभिलाषा तक ले आए
👑उसको पावन मंदिर से
👑गाली की भाषा तक ले आए
🌹मां की ममता को देख मौत भी
🌹आगे से हट जाती है
🌹गर मां अपमानित होती
🌹धरती की छाती फट जाती है
💧घर को पूरा जीवन देकर
💧बेचारी मां क्या पाती है
💧रूखा सूखा खा लेती है
💧पानी पीकर सो जाती है
🌹जो मां जैसी देवी घर के
🌹मंदिर में नहीं रख सकते हैं
🌹वो लाखों पुण्य भले कर लें
🌹इंसान नहीं बन सकते हैं
✋मां जिसको भी जल दे दे
✋वो पौधा संदल बन जाता है
✋मां के चरणों को छूकर पानी
✋गंगाजल बन जाता है
🌹मां के आंचल ने युगों-युगों से
🌹भगवानों को पाला है
🌹मां के चरणों में जन्नत है
🌹गिरिजाघर और शिवाला है
🌹हर घर में मां की पूजा हो
🌹ऐसा संकल्प उठाता हूं
🌹मैं दुनियां की हर मां के
🌹चरणों में ये शीश झुकाता हूं...